Killeshwar Baba Mandir, Fatehpur (UP)

Title: भगवान कृष्ण द्वारा कंस का वध
Site name
किल्लेश्वर बाबा मंदिर, बिंदकी, फतेहपुर
Survey date12/02/2019
Surveyor Name:  Alok Kumar Maurya & Sanjay Kumar
Article by: Sanjay Kumar (WPD Lucknow) & Shreeya Rawat (WPD HO)


भगवान कृष्ण द्वारा कंस का वध

किल्लेश्वर बाबा मंदिर फ़तेहपुर शहर से लगभग 35 किलो मीटर की दूरी पर स्थित हैंयह मंदिर लगभग 150 वर्ष पुराना हैं जिसका निर्माण शिव प्रसाद सिंह परिहार द्वारा करवाया गया थाअब इस मंदिर की देखरेख का जिम्मा अवधेश सिंह परिहार के सुपर्द हैंमंदिर की दीवारें तथा गुम्बद अनेक प्रकार के भित्ति चित्रों से सजे हुए हैं जिस पर फूल-पत्ती, जानवर और कई पौराणिक कथाओ के दृश्य हैंइन चित्रों पर विभिन्न रंगो जैसे नीला, पीला, काला, लाल का अनूठा संगम मंदिर की शोभा को और भी अधिक बढा रहा हैं इन चित्रों को बनाने के लिए टेम्परा तकनीक का प्रयोग किया गया हैं

मंदिर के गुम्बद में बना भित्ति चित्र कृष्ण की लीलाओ का परिचय दे रहा हैं जिसमें कृष्ण कंस का वध कर रहे हैंकंस राजा उग्रसेन और रानी पद्मावती का पुत्र था जिसने अपने पिता को राजगद्दी से हटाकर कारागार में डाल दिया था और स्वयं मथुरा का राजा बन बैठा थाआकाशवाणी के अनुसार बहन देवकी और वासुदेव का आठवाँ पुत्र उसका काल था इसलिए उसने उन दोनों को कारागार में डाल कर उनकी संतानों की हत्या कर दीकृष्ण को मारने के लिए कंस ने योजना बनाई और उसे मथुरा बुलायाश्री कृष्ण और बलराम के मथुरा पहुँचने पर सर्व प्रथम उसने एक पागल मदमस्त हाथी उन दोनों भाइयों पर छोड़ दिया हाथी ने छूटते ही सभी वस्तुओं को तहस-नहस कर दियाजैसे ही हाथी कृष्ण को मारने आया कृष्ण ने अपनी तलवार से उसकी सूंड काट डाली जिससे हाथी ने वही दम तोड़ दिया अब कंस ने कृष्ण और बलराम को मल्ल युद्ध के लिए ललकारा जहाँ उनका सामना युद्ध कौशल में निपुण 'मुश्तिक' और 'चाणूर' से थाबलराम जी ने मुश्तिक और भगवान श्री कृष्ण ने चाणूर के साथ मल्ल युद्ध प्रारम्भ कियाथोड़ी ही देर मे मुश्तिक और चाणूर दोनों भाइयों द्वारा मारे गएअब श्री कृष्ण ने कंस को युद्ध के लिए ललकाराकंस अपनी जान बचाकर भागना चाहता था पर श्री कृष्ण फुर्ती के साथ मंच पर चढ गए और उस पर प्रहार करते हुए नीचे ले आए और उसे उसकी अत्याचारों की याद दिलाने लगे कि कैसे उसने मासूम बच्चों की हत्याएं की, कृष्ण की माता देवकी और पिता वासुदेव को बंदी बनाकर रखा, उनकी संतानों की हत्या की, अपने स्वयं के पिता महराजा उग्रसेन को बंदी बनाया और स्वयं राजा बन बैठाजनता पर भारी जुल्म और अन्याय कियाइसके बाद श्री कृष्ण ने अपने सुदर्शन चक्र से कंस का सर धड़ से अलग कर उसका वध कर दिया

 

Reference

Books

  1. Dev Prasad, (27th January 2015), 'Krishna: A Journey through the Lands and Legends of Krishna', by Jaico Publishing House.
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  3. James Talboys Wheeler, (1867), 'The History of India from the Earliest Ages: Vol 1-The Vedic Period and the Mahabharata', by The New York Public Library.
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  7. Mahesh Sharma, B.K Chaturvedi, (2006), 'Tales From the Mahabharata', by Diamond Pocket Books Pvt Ltd.
  8. Narayan Sharma, (28th October 2014), 'Tales of Krishna', by Diamond Pocket Books Pvt Ltd.
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  10. B.K Chaturvedi, (2020), 'Srimad Bhagwat Purana', by Diamond Pocket Books Pvt Ltd.
  11. Ashok K. Banker, (2013), 'Slayer of Kamsa', by Harper Collins Publishers India.
  12. Horace Hayman Wilson, (1840), 'The Vishnu Purana: A System of Hindu Mythology and Tradition', Published by John Murray.


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